।।श्री हरिः।।
36 - बाबा के पास
'तुम हाऊ के बाबा हो?' भद्र ने हंसते-हसते ब्रजराज से पूछा।
'मैं हाऊ का बाबा क्यों होने लगा।' बाबा भी हंसे - 'मैं तेरा बाबा हुँ और इस नीलमणिका बाबा हूँ।'
'और दाऊ दादा के, तोक के, अंशु के, तेजस्वी के, देव के, विशाल के....।' कन्हाई एक ओर से सब सखाओं के नाम गिनाता ही चला जा रहा है।