नंगे पाँव पूरी दोपहर खेलते थे आज क्यूँ एक सेकेंड की धूप में पाँव जल जाते हैं? लाइट के चले जाने पर आईस पाईस् चुपम् छुपाई खेलना और लाइट आने पर लाइट आ गयी-लाइट आ गयी चिल्लाना बाहर बारिश हो रही हैं और मैं गाड़ी में बैठ ये सोच रहा हूँ ये वही बारिश हैं जिसमें मे काग़ज़ की नाव बना कर चलाया करता था सनडे को शक्तिमान आयेगा ट्यूशन से इसलिए जल्दी आता था ताकि हतिम,विकराल गब्राल प्रिसेस डॉली, शाका लका बूम बूम, पोकेमोन स्कूबी डू देख सकु ग्रुप में जो मेरा अमीर दोस्त था उसके घर जाकर कोंट्रा ,टैक्केंन 3 GTA वाइस सिटी, मुस्तफा और मारियो गेम खेलना मैं तो उस मिडिल क्लास फैमिली से था जिसके घर पनीर और केक बस बर्थडे पर देखने को मिलता था. CD प्लेयर मै रागनी और अशोक चौटाला चलता था. मामा के घर jab मैं जाता था तो मैं जैसे शेर जंगल का और घर आते ही मैं तोता पिंजरे मे कैद-कैद सा. वो एक दिन आता हैं ना कुछ महीनो में जब आप पुरानी बातें याद करते है मोहल्ले, स्कूल, कॉलेज की याद आती हैं और लगता हैं कि अब बड़े हो गये सब पीछे छुट गया और एक अलग मोह माया में पहुँच गये है। और काश एक बार वो दिन दोबारा जीने के लिए मिल जाये ©Sujal Vishwakarma #beetibaatein #Wopuraniyaad #woduranibaatein #goldenmemories #oldmemories #Memories #musings #Childhood #BeeteinLamhe #yaadein