क्षण क्षण अग्रसर तम वर्चस्व स्थापित करने को दीप भी तत्पर हैं युद्ध में सर्वस्व ज्ञापित करने को । भले ही हो सभी दिशायें तम के वशीभूत में, दीप भी नहीं मौन, खड़ा हैं शक्ति रूप में । तमस तो घोर हैं, घोर और कुद्ध होगा आशवस्त हैं हम,साहसी दीप न अवरूद्ध होगा गाथा दीप के विजय की युगों तक विदित होगी तम की होगी पराजय और नवीन उदित भौर होगी। (लोकेंद्र की कलम से ✍️) #लोकेंद्र की कलम से