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मुन्तजि़र है हम तेरे, न जाने तेरी निगाहों का हमपे

मुन्तजि़र है हम तेरे, न जाने तेरी निगाहों का हमपे रहम- ओ-करम कब होगा।
तड़प रहें हैं कब से तेरी चाहत के लिए, ना जाने तुझे इसका इल्म कब होगा।
 💐नमस्कार ..मैं GulnaaR
Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ ..ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाये।

💐अपने भाव से 2 लाईनों में लिखें ..
(2 लाइन्स मिसरा/ उर्दू शायरी  ..couplet)

💐 Font size छोटा रखें ताकी wall 
paper खराब न हो ।
मुन्तजि़र है हम तेरे, न जाने तेरी निगाहों का हमपे रहम- ओ-करम कब होगा।
तड़प रहें हैं कब से तेरी चाहत के लिए, ना जाने तुझे इसका इल्म कब होगा।
 💐नमस्कार ..मैं GulnaaR
Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ ..ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाये।

💐अपने भाव से 2 लाईनों में लिखें ..
(2 लाइन्स मिसरा/ उर्दू शायरी  ..couplet)

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