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bharat quotes स्वतंत्र है! आज़ाद नहीं। भूला चुके

bharat quotes  स्वतंत्र है! आज़ाद नहीं।

भूला चुके अस्तित्व अपना,
कौन है हम? ये याद नहीं।
ज़ंजीरें बदली है केवल, 
स्वतंत्र है! आज़ाद नहीं। 

ज़ंजीरें कटी न हमसे, 
पांव अपने काट दिए। 
अपनी मां की संतानों को, 
जाति वर्ण में बांट दिए। 

रावण हर घर ज़िंदा है, 
देश में राम राज नहीं। 
ज़ंजीरें बदली है केवल, 
स्वतंत्र है! आज़ाद नहीं। 

कालिख पूत गई दामन में, 
कहते हो एक भी दाग़ नहीं।
बुझा दिए चिंगारी तक को, 
सिने में अब वो आग नहीं। 

बेईमानों की सत्ता है, 
जुबां पे सच बात नहीं। 
थांगी ही बदली है केवल, 
स्वतंत्र है! आज़ाद नहीं।

बैरी बनकर भाई भाई, 
खून की होली खेल रहे।
देश जला के नेता सारे, 
ख़ुद की रोटी सेंक रहे। 

बढ़ा है साहस दुस्सासन का, 
द्रौपदी की अब लाज नहीं।
शासन ही बदली है केवल,
स्वतंत्र है! आज़ाद नहीं।

जनता का शासन जनता पर, 
फिर जनता क्यों आबाद नहीं। 
कारावास बदला है केवल, 
स्वतंत्र है! आज़ाद नहीं।

©RKant #Independence2022
#Independence
bharat quotes  स्वतंत्र है! आज़ाद नहीं।

भूला चुके अस्तित्व अपना,
कौन है हम? ये याद नहीं।
ज़ंजीरें बदली है केवल, 
स्वतंत्र है! आज़ाद नहीं। 

ज़ंजीरें कटी न हमसे, 
पांव अपने काट दिए। 
अपनी मां की संतानों को, 
जाति वर्ण में बांट दिए। 

रावण हर घर ज़िंदा है, 
देश में राम राज नहीं। 
ज़ंजीरें बदली है केवल, 
स्वतंत्र है! आज़ाद नहीं। 

कालिख पूत गई दामन में, 
कहते हो एक भी दाग़ नहीं।
बुझा दिए चिंगारी तक को, 
सिने में अब वो आग नहीं। 

बेईमानों की सत्ता है, 
जुबां पे सच बात नहीं। 
थांगी ही बदली है केवल, 
स्वतंत्र है! आज़ाद नहीं।

बैरी बनकर भाई भाई, 
खून की होली खेल रहे।
देश जला के नेता सारे, 
ख़ुद की रोटी सेंक रहे। 

बढ़ा है साहस दुस्सासन का, 
द्रौपदी की अब लाज नहीं।
शासन ही बदली है केवल,
स्वतंत्र है! आज़ाद नहीं।

जनता का शासन जनता पर, 
फिर जनता क्यों आबाद नहीं। 
कारावास बदला है केवल, 
स्वतंत्र है! आज़ाद नहीं।

©RKant #Independence2022
#Independence
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