हर रोज़ की तरह सुबह 5:00 बजे उठ कर कुर्सी लगाई और मेज़ पर लैपटॉप रखा,जैसे ही काम करना शुरू ही किया तो मेज़ हिलने लगा | उसका एक पांव संतुलित नहीं था| एकाएक मुझे एहसास हुआ ये एक पांव भी तो बिल्कुल मेरी ही तरह ज़िन्दगी की उधेड़बुन में अपना अस्तित्व संभाल रहा है |बाकी पांव जैसे ऑफिस ,घर और घरवालों के बीच तालमेल बैठाए रखने की कोशिश कर रहा है और ये तभी संभलेगा जब इस कोशिश में इसका अस्तित्व ज़िंदा रहेगा | अपने ख़यालो से निकलकर मैंने एक कागज का टुकड़ा उसपर लगाया और काम शुरू किया| A_tale_for_you #कोशिश #100wordsstory #nojotohindi