गर तुम सुनो तो बताऊं मेरे जज्बात क्या थे, तुम्हारे बिना मेरे हालात क्या थे, वक़्त की साजिश समझ मुकद्दर मान लिया था जिसे, आज फिर से याद आये तुम्हारे लिये मेरे खयालात क्या थे। #मेरे_जज्बात #यादे #ज्ज्बात #हालात