हसरते भी पुछ ले कोई उन बागों के फूलों से वो कच्ची डोर से बंधी मनमस्त मगन झूलों से आप तो कहते है बस कुब़ुल है कुब़ुल है उसकी एहसास-ए-बरतरी को अपना बताना कहा का वसूल है #Crew#Patnaopenmicentry#urdushayari#NojotoApp