पल्लव की डायरी करवटे दुनियाँ इस कदर बदल रही है माहौल में तब्दीली हो रही है थमने लगी है शुकुन की आवाजे ठगी के बल पर दुनिया चलने लगी है थामता नही कोई किसी का हाथ सीना जोरी कर सियासतें चलने लगी है मसलते जनता के जज्बात मुनाफा खोरी पर सरकारे चलने लगी है लोकतंत्र बस एक टैग है वोटरों का वजूद खत्म कर रही है समस्याओं की भरमार कर आम आदमी का खून चूस रही है साजिशें कत्ल करने की संवेदनाये सबकी मरने लगी है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" लोकतंत्र बस एक टैग है #Budget2019