खंजर डुबो कर शहद में, चुभाना सीखिये । ज़माने में रहते है न आप, ज़माना सीखिये ।। कोई खरीददार नहीं मिलेगा इस बाज़ार में , आँसू समेटिये, और मुस्कुराना सीखिये । बेशक, आपके घर में आता होगा चाँद कभी , विरह की रातों में मगर, पर्दे लगाना सीखिये ।। बेफिजूल बैठ गए, फिर से शराब और याद लेकर, मेहमान नवाजी में अब, चाय पिलाना सीखिये ।। जो करते है वादा, तमाम उम्र साथ निभाने का, मेरी नसीहत है उनसे कि वादा निभाना सीखिये ।। खंजर डुबो कर शहद में, चुभाना सीखिये । ज़माने में रहते है न आप, ज़माना सीखिये ।। #yqhindi #yqshayari #yqbaba #खंजर #शहद