नोजोटो पर इतने डरावने किस्से कहानियो को पड़ा तो मैं डर गई डर के मारे मैं सोफे पर दुबक गई ऐसा लगा हलक में कुछ फस गया बचपन का किस्सा याद कर सहम गई याद आ गई वो पीर बाबा वाली बात याद सर्दियों में कितना डरावना लगता था वो घर के पीछे का रास्ता पढ़ने जाते थे उस रास्ते से अपने चाचा के घर रात के सात या आठ बजे थे वो ठीक पीर बाबा के बाजू में पड़ती थी डाक्टरनी की कोठी सफेद कपड़ो में खड़ा था पेड़ के नीचे एक छोटा सा आदमी मैं उसे देखकर बहुत डर गई उस कोठी में रहती थी किराए पर मेरी सहेली जब मैं पीछे के रास्ते से घर जाने लगी तो उसे इस तरफ भी पाया डर के मारे मैंने उसकी दीदी को बताया फिर उनकी छत से वो आदमी मैंने उन्हें दिखाया हमने उसे अंदर पीर बाबा में अंदर जाते हुए देखा उसकी दीदी और मैं छत पर खड़े रहे जब सुना उसकी मम्मी ने तो दो चार औरतों ने जाकर पीर बाबा में देखा पर वहां अंदर कोई नही था पर ऐसे कैसे हो सकता था डर के मारे कई रात सोई नही थी उस रास्ते से अकेले जाने से थी डरती कौन था आज भी ये सोचती हूँ कहीं वो सच मे पीर तो नही था ©Dr Manju Juneja #horror #peerbaba #ghar #रास्ता #बचपन #सहम #नोजोटो #कहानियां #किस्से #Anhoni