आवास ~~~~~~ गेह जगह है वास की, रहे बने आवास। मनुज बसे जब नेह से, गेह रहे उल्लास।। घर बनता है नेह से, सुखमय शांति निकेत। परिजन फिर फूले फले, होकर सब समुपेत।। भाग्यवान को घर मिले, और मिले सुख चैन। भाग्य फले दिन रैन फिर, सुन सुन वर के बैन।। दादा दादी मात पितु, करते जिस घर वास। बनता घर वह स्वर्ग है, संतति पलती खास।। नर सच्चा घर पालता, और पालता संत। पाल संस्कार घर हृदय, बनता सच्चा कंत।। #दोहा #दोहे #आवास #घर #जिंदगी #glal #yqdidi #कोराकाग़ज़