ये दौर है जनाब अजी गुजर जायेगा ये दिल है खराब अजी सुधर जायेगा ये हुश्न है गुलाब अजी बिखर जायेगा ये इश्क है अजाब अजी किधर जायेगा ये चेहरा है माहताब अजी नजर जायेगा ये रात है शराब अजी उतर जायेगा ये हौसला है बेहिसाब अजी निखर जायेगा ये दोस्त है ख्वाब अजी मुकर जायेगा ये कलम है आब अजी संवर जायेगा ये शायरी है आफताब अजी बसर जायेगा आदित्य कुमार भारती #अजी बसर जायेगा