मै अघोरी तू अघोरी दुनिया है सारी अघोरी आदिशक्ति है महाकाल धरती भी है महाकाल अम्बर भी है महाकाल महाकाल का करता सेवा ना है कोई जात-पात मदिरा पान का सेवन करता ना तुझसे संघ-साथ मै कर्म करू चान्डाल का तो काल क्या बिगाड़ेगा भुत प्रेत है मेरे साथी रावण क्या उखाडेगा धर्म है शनासतनी पवित्र नदी मंदाकिनी श्यमशान मे रहे साथ भूत और पिशाचिनी पापी हो पुजारी हो डाकू या जुआरी हो मरे हुए का भक्षण करता चाहे दुखो की मारी हो आना है तुझको यहाँ बात ये गटक ले पहले भटक ले फिर नादघर अटक ले ©vimlesh yadav official #Twowords #जातपात #अघोरी https://7storywriter.blogspot.com/?m=1