बहुत मसरूफ हो शायद अपने ही दिन रात में... तो रहो किसने रोका है! हां तो रहो किसने रोका है, हां मसरूफ़ रहना है भी जरूरी आज के इस संसार में! पर एक मशवरा मेरा भी मान लो, कि हर खुशी मुक्कवल तुम्हारी तभी होगी, जब उन बूढ़े मां-पिता के अधरो पर मुस्कान होगी!! कुछ लोगों के पास कभी वक़्त नहीं होता। ऐसे लोगों के लिए एक कोट तो बनता है। *मसरूफ़ - व्यस्त, busy #मसरूफ़ियत #collab #yqdidi ...