कुछ उलझनें मेरी ज़ात की थीं सुबह की दौड़ में थक कर रातों में सिरहाने बैठ जाती थीं बाकि सब तो बहाना बन कर आयीं ज़िंदगी की सुलझन से मुझे बचाने के लिए #उलझन #सुलझन #ज़िंदगी #सवाल #जवाब #YQdidi #YQbaba Q & A Anuup Kamal Agrawal