कौन हूं मैं, कौन हूं मैं। किस से पूंछू, कैसे पूंछू! जीवन के इस भंवर में फसता जा रहा हूं, ये जिंदगी जहां ले जा रही है वहीं चलता जा रहा हूं। सफलता की तलाश में भटकता जा रहा हूं, अपेक्षाओं के बोझ से दबा जा रहा हूं। कौन हूं मैं, कौन हूं मैं। किस से पूंछू, कैसे पूंछू! नदियां ले जाए वहा जाऊ या हवा के झोंके के संग उड़ जाऊ, पर्वतों की चोटी पर चढ जाऊ या पाताल के आगोश में समा जाऊं। कहां है मेरी मंजिल, कहां है मेरा ठिकाना। अस्तित्व की तलाश में, दिशाहीन हूं मै। कौन हूं मैं, कौन हूं मैं। किस से पूंछू, कैसे पूंछू। सत्संग में भी बैठा, आजन में सर भी झुकाया। वाहे गुरु का खालसा, ये भी मैने गाया। पंडित से भी पूछा, मौलवी से भी पूछा। पर कोई समझ ना पाया, राह नई दिखा ना पाया। कौन हूं मैं, कौन हूं मैं। किस से पूंछू, कैसे पूंछू! कौन हू मै। #Indentity #WhoAmI #Soul