कोरोना की गरीबी... कोरोना की वैश्विक महामारी में प्रकृति जैसे-जैसे खिल रही। नेह भरी इस धरती में गरीबी वैसे-वैसे मर रही। गरीबी ही है बड़ी बीमारी जो मौत से भी नहीं डर रही। अपनी व्यथा की पीड़ा को वह आँखो से बया कर रही। इस कोरोना की बीमारी में एक ही समानता दिख रही। अमीरी-गरीबी चुनने में वह कोई भेदभाव नहीं कर रही। 'चर्चित' लोगों की दिनचर्या रोजाना कैमरे में खिच रही। गरीबी की भूख तो बस एक फोटो से ही मिट रही। चूल्हों में उनके कुछ दिन से आँग भी नहीं जल रही। देख ऐसी दुर्दशा समाज की अब मेरी कलम भी नही चल रही। [चर्चित.ck] #poor #corona #charchit #चर्चित #latest