फिर कभी अमावस की रातें होगी चाँद खिल रहा होगा रातें तारों से जगमगा रही होगी झींगुर को तन्हाई सुनाई दे रही होगी जुगनुओं की बारात में नाचते हुए चकोर इसी उम्मीद में कि,आज चाँद के करीब होने का एहसास होगा निशा के अंतिम पहर में यायावर सा भटकता हुआ एक अलग अंदाज में आऊँगा मैं हँसते हुए,हालचाल पूछने तुम और तुम्हारी यादों का इससे पहले कि अरुण अपनी लालिमा से ढँक दे इस सुखद क्षण को... #चाँद #मैऔरतुम #poetry #yqhindi #yqbaba#yqdidi #mothertongue_verse