अश्कों को पहलू में रखकर, मन में उसे भुलाता इश्क़.... कायम है ये बरसों से खुद पे, सबको ही रुलाता इश्क़.... सबके दिल में मुस्काता है, इठलाता बलखाता इश्क़.... अंधियारी से रातों में भी यादों के दीप, जलाता इश्क़.... उम्र ढले तो यादों में उसकी, मुरझाता सा आधा इश्क़..... #इश्क #याद #कायम #रुलाता #शायर_ए_बदनाम