कुछ यूं गुजर रही है अब ये रातें मेरी, आंखों में नींद तो है ,पर नींद आती नहीं , कई बार लगता है कि जिंदा लाश हूं, कसर रहती नहीं हो रही है जान जाती नही, इश्क की उस कहानी में मुझ पर बहुत इल्जाम लगते थे जो नहीं लिखता वह कहता हूं , उस समय केवल वही भगवान लगते थे, कुछ यूं खो गए हम उनकी मासूमियत में, कि वही इंसान है धरती पर , बाकी सब बदनाम लगते थे बहुत विश्वास था ,उनकी बातों पर , बाकी सब बातों से मुझे एक कच्चे लगते थे इतना प्यार था ,मुझे सभी को छोड़कर वही , मुझे सच्चे लगते थे , कह नहीं सकता मैं , आज भी लफ्जों में की वो मुझे कितने अच्छे लगते थे... Rb the haryanvi #isgq #mahadev #smile #latest