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कभी किस्से तो कभी कहानियों में सुना था एक प्यार जो

कभी किस्से तो कभी कहानियों में सुना था
एक प्यार जो मैने अपने ख्यालों में बुना था

असली जिंदगी से इत्तेफाक तो रखते थे हम
लेकिन कई बार ख्यालों में पड़े अपने शब्द बुनते थे हम

कभी सोचते यूं सज संवर श्रृंगार कर 
श्रृंगार रस में डूब जाऊं
कभी भक्ति रस के भाव को 
जीवन में उतार लूं

परंतु क्या प्रेम में सिर्फ सुंदर स्वरूप 
एक इकलौता हिस्सा होता है ? 
नही ......

वो वीर रस का सार हो
तो करुण रस का भाव हो
जिंदगी के कठिनता में तो
हास्य रस का प्रभाव हो 

हां ऐसा एक भाव हो 
तब प्रेम का प्रभाव हो....

वो खौफ में विलीन हो 
तो बेवजह न मौन हो 
भय हो मन में तो 
भयानक रस स्वीकार हो 

समाज में दुर्व्यवहार हो तो वो
रौद्र रूप साफ हो 
हां ऐसा एक भाव हो 
तब प्रेम का प्रभाव हो

❤️
#shristi_writes

©shristi dubey
  #prem_ka_bhav