#RIPPriyankaReddy राख के ढेर से भी चीख़ते हैं सबाल मेरे, आखिर क्यूं जल रहे इस कदर ख़्वाब मेरे। आखिर मैं भी तो हूं हृदय स्पंदन किसी का, आंखों का नीर किसी का दरवाजे टिका इंतजार किसी का। सोचते हो छुप जाओगे नोचकर रूह बच जाओगे, गुजरी हूं जिस दर्द से मैं उसी दर्द में तुम भी इक दिन छटपटाओगे। आज जो टूटी है आशा की माला किसी की ख़ाक में मिली जो है निरपराध बाला किसी की, रहो चुप आज फिर तुम हर बार की तरह नींद तो तब टूटेगी तुम्हारी जब उजाडेगी घर तुम्हारा भी हैवानियत भरी हाला किसी की। #दरद #चीख #हैवानियत #लज्जा