माँ चंद्रघंटा देवी नवरात्रि के तीसरे दिन, होती है जिनकी पूजा । चंद्रघंटा कहते हैं उसको नाम नही कोई दूजा ।। दस हाथों से सज्जित माता, घंटे की ध्वनि बजाए । करती सिंह सवारी, सिर पर अर्धचन्द्र सजाए ।। मंत्र जपकर जो पूजा करते, ॐ नमो चंद्रघंटायै । चारों दिश प्रताप तुम्हारा, भक्तों पर सदा सहाय ।। - अभिषेक अस्थाना(स्वास्तिक) माँ चंद्रघंटा देवी नवरात्रि के तीसरे दिन, होती है जिनकी पूजा । चंद्रघंटा कहते हैं उसको नाम नही कोई दूजा ।। दस हाथों से सज्जित माता, घंटे की ध्वनि बजाए । करती सिंह सवारी, सिर पर अर्धचन्द्र सजाए ।।