कड़वा सच हँसता हुआ मधुमास भी देखोगे तुम मरुस्थल की प्यास भी देखोगे तुम सीता के स्वयंवर पे न झूमो इतना कल राम का बनवास भी देखोगे तुम। कड़वा सच