फिर बीती बातें आँख नम कर गई, यादें सता रहीं हैं गुज़रें हुए दिनों की । फिर से छा रही है उदासी चेहरे पर, खुशियां दूर कर रही है बातें यादों की । ख़ामोश कर गई एक बार फिर लबों को, रह रह कर सता रही हैं बातें यादों की। न सुकून कही अब मिलता हँस पाते हैं दर्द दे रही है ज़िंदगी छिन गई नींद रातों की। सवालों में उलझी है क्यों ज़िंदगी की राहें, क्यों सता रही हैं यादें पुरानी बातों की। ©Poonam Nishad #WriterPoonamNishad #gazal #Hindi #nojotohindi