एक भुला विसरा गीत हूं किसी अजनबी का मीत हूँ पता नहीं मुझे, क्या है प्रीत, सीखा देना कोई पूछे कि कौन हूँ मैं तो बता देना, कुछ खास नहीं मुझमें कुछ जज्बात नहीं मुझमें तुझे सुनाने को कोई अल्फाज नही मुझमें एक अनकही सी कहानी हूँ मैं सुना देना, कोई पूछे कि कौन हूँ मैं तो बता देना, तेरी यादों को सिरहाने लेकर सोता हूँ तेरा होकर भी तुझमें, नहीं खोता हूं सपने को तेरे मै भी संजोता हूं, जता देना, कोई पूछे कि कौन हूँ मैं तो बता देना, एक भटका हुआ मुसाफिर हूं दिल का बड़ा शातिर हूं कोई पागल है अवारा है ये जता देना, कोई पूछे कि कौन हूँ मैं तो बता देना, आधी हकीकत आधा फ़साना हूं बिना सुर का तराना हूं दूर होकर भी करीब हूं तुमसे बता देना, कोई पूछे कि कौन हूँ मैं तो बता देना एक बिखरता हुआ साज़ हूं और बिना सरगम का राग हूं तुम्हारे सपनों का हीं एक भाग हूं, कोई पूछे कि कौन हूँ मैं तो बता देना नामुमकिन सी एक ख्वाब हूं भिंगता हुआ एक अश्क हूं गर सलीके से पेश आए तो, जता देना कोई पूछे कि कौन हूँ मैं तो बता देना, --अभिजीत .. एक भुला विसरा गीत हूं किसी अजनबी का मीत हूँ पता नहीं मुझे, क्या है प्रीत, सीखा देना कोई पूछे कि कौन हूँ मैं तो बता देना, कुछ खास नहीं मुझमें कुछ जज्बात नहीं मुझमें तुझे सुनाने को कोई अल्फाज नही मुझमें