जय जवान, जय किसान एक खुदा सरहद पर बैठा नज़र दुश्मन की ओर गढ़ाये दूजा पसीना बहा बहा कर भूखों को है खाना खिलाये पर मोह माया के चक्कर में इंससँ ने दोनों को है दिया भूलाये एक खाये गोलियां सरहद पर दूजा खेत में फाँसी खाये नेता भूले, जनता भूली भूल गया है हर इंसान पर शास्त्री जी की आत्मा आज भी पुकार रही है " जय जवान जय किसान " .....Sanjay Kaushik #LalBahadurShastri :दो खुदा