चेहरे पे चेहरे चढ़ाए बैठा, यहां हर इक इंसान कौन सच्चा कौन झूठा, नहीं हो रही पहचान आश्रम के नाम पर हो रहे, जिस्म के व्यापार कलयुग भी अब व्यथित हो, कर रहा हाहाकर युगों पहले जहां आश्रम के नाम से श्रद्धा का भाव आता है..आज कुछ दुष्चरित्र बाबाओं के कारण आश्रम का स्वरूप ही बदल गया है, देह व्यापार की संस्था बनते जा रहे..गंगा प्रदूषित हो ही रही, आश्रमों में भी प्रदूषण फैल गया..वो दिन दूर नहीं जब भारत की संस्कृति, जो दूसरे देशों में भी प्रसिद्ध है जिसके कारण कई विदेशी लोग यहां आश्रमों में शिक्षा लेने आते हैं, तार तार हो जाएगी।अब तो सिर्फ खौफ बचा है इन बाबाओं से! #kalyug #confusingworld #yqbaba #yqdidi #yqhindi #loveforwriting #swarkash