चाहत हो तुम,राहत हो तुम जिसने दिल को छुआ,वो इबादत हो तुम हम हैं यहीं,तुम हो वहाँ जिसकी हो दिल में खलिश,वो शिकायत हो तुम कुछ तुम भी कहो,कुछ हम भी सुनें जो हो सबसे जुदा,वो रिवायत हो तुम खुशियों को मेरी,तेरी आदत लगी जो आसमाँ से हो उतरी,वो इनायत हो तुम ताल्लुक तेरे-मेरे और गहरे हुए जो फिसलने ना दे,वो हिदायत हो तुम कुछ तेरी तड़प,कुछ बाकी निशां जो मीठी लगे,वो शरारत हो तुम... © trehan abhishek #चाहत #राहत #इबादत #तड़प #निशाँ #yqdidi #yqaestheticthoughts #yqrestzone