तमाम उम्र से जो हाथ में हाथ डाले होंगे। वो मेरे साए अब अंधेरों के हवाले होंगे।। सोच कर लगा दी आग उसने आशियां में मेरे। जलेगा घर मेरा तो उसके महल में उजाले होंगे।। सुना है मेरी मिन्नतों के सारे मेसेज पढ़े हैं उसने। शर्त लगा लो उसकी अब उंगलियों में छाले होंगे।। आस्तीने बड़ी लगवाई कमीज़ में तुमने ‘पवन। अब वाजिव है कुछ एक सांप भी पाले होंगे।। - Pawan M Yadav 💔18.04.2020🖊 #wordsofsilence