हम दोनों है शराबी तो क़दमों में चाँद-तारों का क्या काम? हमें तो बस पीना है नशीला जाम हमारे इश्क़ के नाम कभी समंदर किनारे,कभी तारों की चादर के नीचे तो कभी जुगनूओं के बीच कर नशा गुजारेंगे रंगीली शाम गर चढ़ जाऐ नशा हम दोनों को तो, दोनों एक दुजे को संभाल कर झुमते झुमते हासिल करेंगे मुकाम हम तो नही छोड़ेंगे हमारी दारु और पागलपन भले ही दुनिया वाले कर ले हमें कितना भी बदनाम "राही" को है अपने शराबी महबूब का इंतजार ए ख़ुदा जल्द से मुकम्मल करना चाहत-ए-खय्याम जागृति वाघ "राही" ♥️ Challenge-598 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।