दूर तारिक़िय़ों में _क्या वो चांद खिला होगा क्या मेरे बाद भी उसे कोई और मिला होगा क्या पता क्या हाल उसका और क्या उसकी कैफ़ियत होगी क्या ख़बर किस हद तक मौजूद उसमें इश्क़ का वलवला होगा या तो उसके पास अपने किसी काम की मसरूफ़ियत होगी या उसके पास , मेरी यादों का मुसलसल सिलसिला होगा आइंदा जब भी कभी , हम जो तुझसे रुबरु होगें ना कोई बात-ए-माज़ी ना बयां शिक़वा गिला होगा अब आ भी जाओ _ कि यह तन्हाइयां अज़ाब है मुझ पर तुम ही बताओ की और कितने दिनों का यह फासला होगा Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "माज़ी" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा। Example: