Hindi shayari quotes शिक्षक की विदाई बाग में सुमन भिन्न भिन्न से थे कुछ मुरझाए कुछ खिले से थे दिन चार रैनबसेरा लगया वहां कुछ मान, कुछ अपमान लिए से थे।। कुछ बीता काल अच्छा सा था खुदको तोड़ता अछूता सा था वो खुदको जैसे कोसता सा है वह स्कूल अब छोड़ आया हूँ मैं मिला साथ जिनका शुक्रगुजार हूँ मै कश्ती तुफानो में छोड़ आया हूँ मैं मिले हर मोड़ पर नए तजर्बे मुझे किया जो भी तुमने आभारी हूँ मैं ।। आज ग़मगीन सा है ह्रदय मेरा लिए आंखों में बिदाई के अश्रु जाने पर मेरे बाग से सुमन अश्रु बहाते,कुछ मुश्कान लिए से थे।। बाग में सुमन भिन्न भिन्न से थे कुछ मुरझाए कुछ खिले से थे ।। #NojotoQuote