सदियों बाद, लेके आस जग में फिर से उभरेगी। कल गर रक्त ठंडा पड़ जाए... तो शोला बन के भड़केगी । इतिहास की स्मृति लिए, भविष्य में भी बिखरेगी। रूह नहीं ये 'विचारधारा' है... युगों युगों तक महकेगी । -MADHVI #newday #NoJo£o #writerinme #hindian #poetry