मै सोच रहा था कि तुमपे एक किताब लिख जाऊं फिर सोचा नौजवानों को क्यों संभलने का राह लिख जाऊं बहुत झुक गया , अब इतना आसान नहीं की अपना इज्जत भी तेरे क़दमों में झुका पाऊं मै सोच रहा था कि तुमपे एक #किताब लिख जाऊं फिर सोचा #नौजवानों को क्यों #संभलने का #राह लिख जाऊं बहुत #झुक गया , अब इतना #आसान नहीं की अपना #इज्जत भी तेरे #क़दमों में #झुका पाऊं