सुनो.. जानती हो, मैं भी चाहता हूँ प्यार में डूबना, बस शर्त इतनी है कि, कोई मुझे उतना प्यार करें जितना मैंने किया था उसे शाम के चराग लिए , चाहता हूँ चाँद में कोई चेहरा ढूँढना, घंटो और यूँ ही बकबक कर थका देना चाहता हूँ, किसी को, मुझे भी लगता है कि, कभी ज़िद करूँ, बिना सर की, बिना हाथ की, बिना पैर की ज़िद, गोल किसी एक रुपए के सिक्के सी फर्श पर गोल गोल घूमती, छनछनाती ज़िद, जिसे वो एक उँगली रख के रोक दे, और भर ले मुठ्ठियों में, मैं भी चाहता हूँ जिद्दी होना बड़ी इच्छा है कि, हड़बड़ा जाऊँ, अलबला जाऊँ, और कोई बस डांट दे मुझे, उसकी डांट का असर ऐसा ही जैसा गर्मी में ठंडे पानी का होता है, चाहता हूँ, की सर्द हवा के झुंडों से घिरे, हाथ मे हाथ डाले चलूँ मैं भी किसी के, उसको देखूँ, उसको छूँ, और वो हल्का सा भी छू दे मुझे, उड़ने लगूँ, किसी कागज के माफिक, उसी सर्द हवा के झुंड के साथ हो लूँ, यूँ के जैसे सिगरेट से कश धुआँ होता है, वो भी जब होठ लगाए,.धुआँ हो जाऊँ तुम कहती हो न प्यार नही महसूस होता, पत्थर हूँ मैं, तो लो तैयार हूँ, किरदार बदलने को, मैं तुम बनने को, बोलो तुम मैं बन पाओगी? सुनो...बोलो न.. #सुनो #sunoseries #52 #सिक्का #love #yqhindi #yqdidi