करीब हो मगर फिर भी दूर लगते हो खोए खोए से हूजूर लगते हो। पास बैठो ज़रा देख लूं जी भर के तुम्हें दिल ये कहता है कि आप हूर लगते हो। लगे जो होंठों से तो धीमे धीमे चढ़ते हो कभी चखना, तो कभी सुरूर लगते हो। हुस्न की फितरत तो है इश्क बदलते रहना कभी मीठे तो कभी खट्टे अंगूर लगते हो। #करीब हो मगर फिर भी दूर लगते हो खोए खोए से #हूजूर लगते हो। पास बैठो ज़रा देख लूं जी भर के तुम्हें दिल ये कहता है कि आप #हूर लगते हो। लगे जो होंठों से तो धीमे धीमे चढ़ते हो कभी चखना, तो कभी #सुरूर लगते हो। हुस्न की फितरत तो है #इश्क बदलते रहना कभी मीठे तो कभी खट्टे अंगूर लगते हो।