वो मंजर सुहाने बहुत याद आये मुझे दिन पुराने बहुत याद आये मुझे देख नज़रें चुराना वो तेरा कभी प्यार से मुस्कुराना वो तेरा कभी बात हर इक बताना हमें ही कभी सब छुपाकर सताना हमें ही खुशी के तराने बहुत याद आये मुझे दिन पुराने बहुत याद आये वो ख़त को सभी से छुपाकर के लिखना बहुत प्यार उसमें बसाकर के लिखना कभी रूठ जाना कभी खुद मनाना कि हंसना तिरा और मुझे भी हंसाना हंसी के ज़माने बहुत याद आये मुझे दिन पुराने बहुत याद आये