#OpenPoetry बारिश कभी देखी है बारिश की बूंदों को ना उनका कोई घर होता और ना होता कोई ठिकाना है धरती की प्यास बुझाती है ये बारिश बहुत अनोखी है अलग सी खूबसूरती लाती है कभी सागर में मिल जाती है कभी नाले में बह जाती है फिर भी ना कोई शिकायत करती ना अपना दर्द जताती है क्या बादल से बिछड कर ये रोती हुई गिर जाती है या सागर से मिल कर ये अपनी अलग दुनिया बनाती है प्रकृति का सौन्दर्य बढ़ाती है ये बारिश बहुत अनोखी है अलग सी खूबसूरती लाती है सावन के आते ये अपने बूंदों से सबको लुभाती है झरने, झील, नदियों का जलस्तर भी बढ़ाती है ये बारिश बहुत अनोखी है अलग सी खूबसूरती लाती है। #OpenPoetry #Nojoto #barishh