पलकों से गढ़ प्रीत पुष्प थे तुझ को कभी चढ़ाए बनकर नीर नयन का चल कर अधरों तक वो आए कुछ बूँदे उसमें से टपकी ले स्याही का रूप उसको डाल कलम में, लिखकर गीत मृदुल सब गाए।। #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqquotes #yqdada #yqpoetrywords