क्या यही कसूर है मेरा ? // (अनुशीर्षक में ) मेरा एक इंसान होने से पहले मेरा एक औरत हो जाना मेरा एक औरत होने से पहले मेरा किसी की दुल्हन हो जाना, फिर उस ही दुल्हन से पहले किसी की बेटी या बहन हो जाना, मेरे होने या ना होने के बीच कोई अंतर नहीं रह जाना मेरी चूड़ियों का हथकड़ी हो जाना तेरे थामने पर मेरा, सेहम जाना और फिर मेरा सिमटना तेरे लिए नज़र अंदाज़ हो जाना मेरे चरित्र का मेरे वजूद से ज्यादा बड़ा हो जाना और तेरे फैसलों पर मेरा सर और मेरी नजरों का नियमित तौर पर