तुम न समझोगे मेरी खामोशी को, काश समझ पाते तो आज साथ होते। तुम न समझोगे, तुम्हारे दिये हुए वो जख्म आज भी याद आते हैं , काश समझ पाते तो, खुशी देने की कोशिश करते। तुम न समझोगे, प्यार तो आज भी तुमसे उतना ही है, काश समझ पाते तो बेवफ़ा नहीं बनते। तुम न समझोगे थोड़ी सी खफ़ा हू तुमसे, काश समझ पाते तो कोशिश जरुर करते मनाने कि। तुम न समझोगे क्युकी मैं जानती हूँ तुम नासमझ हो। तुम न समझोगे दिल की बातें #तुमनसमझोगे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #kashsamajhpaate #samjhjao #hindiwriters #hindipoetry