मन और मंज़िल मन कहेता है जिंदगी बहोत हे, तो जल्दबाजी क्यु दीमाग कहेता हे रुकनां मना हे, मंजिल मिलेगी नां युं, मन कहेता हे जिंदगी है तो जि भर के जीले मेरे यार दीमाग कहता हे थोडा तो डरा कर, कल क्या होगा यार मन की सुनुं या दीमाग की यह तो मुझे नहीं पता मेरे दोस्त पर यह जरुर कहुंगा की कल की जिंदगी के लिए आज गुट गुट कर मरा नहीं करते ख्वाहीसे सब आज ही पुरी कर लेना दोस्त क्युकी कल का क्या पता, कल हो नां हो #ManAurManzil #Dreams #Hindi