काश! विज्ञानी के पास अपनी जिद्द नही होती, तो आज बदलती दुनियाँ की तश्वीर नही होती,,,,, ओम भक्त मोहन कलाम तुम्हारी उर्जा को सलाम् आपकी उर्जो रुपी जिदंगी हमे उर्जित करके चली गयी,,,, अग्नि की उडान अनंत की ओर,,,,,,,, और आपकी जीवन शैली का तो क्या कहना आपके विचार तो हमारी रगो मे उर्जा बनकर घुमते है