उम्र गुजार देती है उस घर को सजाने में पर ख़ास नहीं बनती उसे आम समझतें हैं दो बोल मुहब्बत के बोले नहीं जाते उनसे दो रोटी देकर बीवी को गुलाम समझतें हैं #उम्र #गुजार #खाश #आम #गुलाम #रोटी #गुमनाम_शायर_महबूब #gumnam_shayar_mahboob