हे!परवरदिगार कहॉं आकर फंस गया मै यहा तो झूट ओर फरेब के शिवा कुछ भी नही यहा तो बैइमानी ओर मक्कारी के शिवा कुछ भी नही..! हे! मालिक कहां भेज दिया मुझे हर जीव चाहे छोटा हो या बड़ा खून चूसकर ही बड़ा बनता है भलाई तो रहमत मे नही, इधर कौन ऐसे फलता है..! प्यार ओर विस्वाश नाम की चीज तो रही ही नही बस पैसा ही दिल कि भाषा बोलता है.. पैसा है तो सब मुम्किन है पैसा नही तो रिश्तेदार भी कहां पुछता है..! बिबी को बस पैसा चाहिये पति जाये भाड़ मे, पैसे के हर धन्धा कर लेगा एक दीवार कि आड़ मे, पैसा पैसा पैसा...बस पैसे से दुनिया नही चलती क्या करोगी पैसे का जब सारा कुछ बह जाये बाड़ मे हे मेरे प्रभु ! कहां आकर फंसा दिया..!! ©Shreehari Adhikari369 #कहां आकर फंस गया #Situational