Nojoto: Largest Storytelling Platform

शीर्षक: तेरे बिन हुँ मैं अधुरा । तेरा यूँ चुप हो ज

शीर्षक: तेरे बिन हुँ मैं अधुरा ।
तेरा यूँ चुप हो जाना सबसे ज्यादा दर्दनाक है।
क्या यही मेरे प्यार का हिसाब है।
अरे कुछ तो बोल, ऐसे चुप मत बैठ,
मैं क्या समझूँ ये खामोशी, क्या वक्त भी नही मेरे साथ है ......।।
जाने कब से आस लगाये बैठा हूं की हाँ आज बात होगी,
और खुदा से फिर गुजारिश करता हूँ की कल बरसात होगी।
उस बरसात में आंसूं तो तेरे भी होंगे,
बस मुझे जो भीगा दें तो नमकीन सारे फैसलें होंगे .......।।
तेरा यूँ लेट नाईट तक ऑनलाइन बैठे रहना बहुत तड़पाता है ।
क्या मिल गया कोई जो मेरी तरह लोरी सुनाकर तुझे सुलाता है...?
चल मान लिया नींद तुझे अगर आ भी जाए,
कभी हाल-ए-दिल तो पूछ, हर नींद में मेरी तुझे पाने की आरज़ू , अ-खुद क़ुबूल हो जाए .........।।
और फिर सुबह जो होती है, उठता हूँ कुछ यूँ तन्हा मैं अकेला,
जैसे मानो काटी हो पूरी रात सर्द में बिना लिबाज़ के एक सड़क के किनारे अ-अलबेला।
और फिर वही उठना, संवरना और शीशे में अपने आपको फिरसे देखना अधूरा,
आजा ना वापस करने मुझको पूरा .........।।
तेरे बिन हुँ मैं अधूरा,
करदे मुझको पूरा। 
तेरे बिन हूँ मैं अधूरा ।। तेरे बिन हुँ मैं अधुरा

तेरा यूँ चुप हो जाना सबसे ज्यादा दर्दनाक है।
क्या यही मेरे प्यार का हिसाब है।
अरे कुछ तो बोल, ऐसे चुप मत बैठ,
मैं क्या समझूँ ये खामोशी, क्या वक्त भी नही मेरे साथ है। 

जाने कब से आस लगाये बैठा हूं की हाँ आज बात होगी,
शीर्षक: तेरे बिन हुँ मैं अधुरा ।
तेरा यूँ चुप हो जाना सबसे ज्यादा दर्दनाक है।
क्या यही मेरे प्यार का हिसाब है।
अरे कुछ तो बोल, ऐसे चुप मत बैठ,
मैं क्या समझूँ ये खामोशी, क्या वक्त भी नही मेरे साथ है ......।।
जाने कब से आस लगाये बैठा हूं की हाँ आज बात होगी,
और खुदा से फिर गुजारिश करता हूँ की कल बरसात होगी।
उस बरसात में आंसूं तो तेरे भी होंगे,
बस मुझे जो भीगा दें तो नमकीन सारे फैसलें होंगे .......।।
तेरा यूँ लेट नाईट तक ऑनलाइन बैठे रहना बहुत तड़पाता है ।
क्या मिल गया कोई जो मेरी तरह लोरी सुनाकर तुझे सुलाता है...?
चल मान लिया नींद तुझे अगर आ भी जाए,
कभी हाल-ए-दिल तो पूछ, हर नींद में मेरी तुझे पाने की आरज़ू , अ-खुद क़ुबूल हो जाए .........।।
और फिर सुबह जो होती है, उठता हूँ कुछ यूँ तन्हा मैं अकेला,
जैसे मानो काटी हो पूरी रात सर्द में बिना लिबाज़ के एक सड़क के किनारे अ-अलबेला।
और फिर वही उठना, संवरना और शीशे में अपने आपको फिरसे देखना अधूरा,
आजा ना वापस करने मुझको पूरा .........।।
तेरे बिन हुँ मैं अधूरा,
करदे मुझको पूरा। 
तेरे बिन हूँ मैं अधूरा ।। तेरे बिन हुँ मैं अधुरा

तेरा यूँ चुप हो जाना सबसे ज्यादा दर्दनाक है।
क्या यही मेरे प्यार का हिसाब है।
अरे कुछ तो बोल, ऐसे चुप मत बैठ,
मैं क्या समझूँ ये खामोशी, क्या वक्त भी नही मेरे साथ है। 

जाने कब से आस लगाये बैठा हूं की हाँ आज बात होगी,