चांद किसी एक का नहीं चांदनी किसी एक की नहीं नूर है इसके भीतर समाया इसके उपर ये दाग नहीं खूबसूरती है जो मनमोहक कर देती इसकी काया ©Anshu Kumari #Chandni_Raat