इस फरेब दुनिया से के यहाँ सब कोई खेलते हैं खेल रूप बदल के खूदा के रहमत से अलग थे हम इस दुनिया से आज तक नहीं खेले कोई खेल किसी के भरोसे से के बार बार दुनिया ने मजबूर किया फरेब मायाजाल मे फँसाने के बार बार खूदा ने मुझे बचाया और दूर रखा मुझे फरेब के असर से । _ संध्याराणी दास चारों तरफ़ फ़रेब पसरा हुआ है, ऐसे में ख़ुद को बचा लेना बहुत बड़ी बात है। #बचगएहम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi